है कोई ?
फूहड़ और बाजारू ,
गाने वाले कई हैं ,
वीरों का गुणगान करे ,
है कोई उस्ताद ?
प्रस्तुतकर्ता कई हैं ,
दिगम्बर बालाओं के ,
है कोई ? प्रस्तुत करे ,
जनमानस का अवसाद |
चाटते दीमक कई हैं ,
राष्ट्ररूपी वृक्ष को ,
है कोई ? पोषण करे ,
जो बन उर्वरा खाद |
हैं कई , झण्डा गगन में
गाड़ दें जो जीत का,
है कोई ? जो हार का
भी कर रहा उन्माद |
है कोई ? जी जान से
मेहनत करे मैदान में ,
कई विज्ञापन पड़े हैं ,
हैं कई उत्पाद |
" प्रवेश"
No comments:
Post a Comment