Saturday, June 15, 2019

भरते ज़ख्मों को उधेड़ लेते हो
किसी के ज़ख्मों को सीने के क़ाबिल ना हुए
तुम समझते हो समंदर ख़ुद को
डुबो सकते हो मगर पीने के क़ाबिल ना हुए
दौलत कमा ली बहुत, आज भी तुम
सर उठाकर जीने के क़ाबिल ना हुए | ~प्रवेश~

Wednesday, June 12, 2019

कुछ दोस्तों के लिए

आईना अपने घर में कैसे लगा लेते हो
लगा भी लिया तो नज़र कैसे मिला लेते हो

तुम खुद भी जानते हो अपनी फ़रेबी फ़ितरत को
तुम तो वो हो जो ख़ुद को भी दग़ा देते हो

तुम्हारी ग़लती का एहसास करा दे कोई
ज़ोर से बोलकर उसको ही डरा देते हो

ज़मीर बेचकर जो दौलत कमा रहे हो तुम
बताओ तो सही किस - किस को हिस्सा देते हो | ~ प्रवेश ~


Monday, June 10, 2019

प्रधानपति

ज्योतिषी ने गौर से, मेरी हथेली को देखा है
राजयोग की एक भी, यहाँ न कोई रेखा है |

नेता मैं न बन पाऊँगा, ये बात मैंने जान ली है
नेतागिरी करनी मुझे, ये बात मैंने ठान ली है |

नेता बनना है तो करनी दोस्ती सरपंच से
मैं भाग्य की रेखा बदल दूंगा किसी प्रपंच से |

अगले चुनावों में पत्नी को टिकट दिलवाऊंगा मैं
वो प्रधान बनेगी तो, प्रधानपति बन जाऊंगा मैं |

कौन उसको पूछेगा, वो बस मुहर बनकर रहेगी
प्रधान की सारी जिम्मेदारी मेरे सर रहेगी |

छोटे - बड़े सबसे फिर अपनी जान और पहचान होगी
नेता बन जाऊंगा एक दिन, अपनी अलग ही शान होगी | ~ प्रवेश ~