Wednesday, May 15, 2019

गाँव के लिए

मैं कुछ करना चाहता हूँ
अपने गाँव के लिए
अपने पहाड़ के लिए |
मैं चाहता हूँ
हर बच्चा पहुँच सके स्कूल
हर हाथ को काम हो
हर मरीज को उपलब्ध हो दवा
जंगलों की आग बुझे
शुद्ध हो हवा |
मैं चाहता हूँ कि
गाँव शहर से पिछड़ा न रहे
गाँव और शहर का कन्धे से कन्धा मिले
छोटा - बड़ा जैसा भी हो
हर आदमी को धन्धा मिले |
मुझे लौटना नहीं है गाँव
क्योंकि वहाँ उपलब्ध नहीं है
जो मैं चाहता हूँ,
फिर भी मैं चाहता हूँ
कि फेसबुक पर
एक कविता पोस्ट करूँ
और वो हो जाए
जो मैं चाहता हूँ गाँव में | ~ प्रवेश ~
( शहर न छोड़ते हुए
गाँव का ख़यालों में भला चाहने वालों को समर्पित )