सास सास ना रही
सास सास ना रही
उतनी भी ख़ास ना रही
वो रौब न रहा
बहू को खौफ ना रहा |
न जाने क्या बात हुई
कैसे कहानी पलट गई
सास नरम हो गई
बहू गरम हो गई
सास का स्तर गिर गया
या बहू का सर फिर गया !!
सास के बंद ताने
बहू के शुरू गाने
सास भी झूमे
दोनों साथ में घूमें |
सास हुंकार भरती थी
बहू बिल्ली सी डरती थी
अब बहू जोर से बोले
तो सास मुँह ना खोले |
कैसे कहानी
एकदम से टर्न हो गयी !
कहीं ऐसा तो नहीं कि
सास भी मोडर्न हो गयी !!?
प्रवेश
यह सास बहू के किस्से .....अच्छा है आपका नज़रिया .....!
ReplyDeleteji haan....ye saas bahoo ke kisse isi tarah chalte rahenge... aapki pratikriya ke liye shukriya...
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