मेरे सरकार
चेहरे बदल जाते है
सिंगार बदल जाते हैं |
दीवारों पर चस्पे
इश्तहार बदल जाते हैं |
लुभावने वादों की
घोषणाएँ नहीं बदलती |
उम्मीदें नहीं बदलती
उम्मीदवार बदल जाते हैं |
योगी - भोगी -वैरागी
अलग ही रंग में होते हैं |
चुनावी मौसम में सारे
त्यौहार बदल जाते हैं |
नये रिश्ते उपजते हैं
पुराने हो चले धूमिल |
पाँच साल में एक बार
रिश्तेदार बदल जाते हैं |
गाड़ी से हाथ हिलाने वाले
गिरने लगते हैं पैरों पर |
चुनाव के बखत कैसे
संस्कार बदल जाते हैं |
चुनाव ख़त्म, गद्दी हासिल
चारों ओर फिर सूनापन |
पाँच साल के लिये
मेरे सरकार बदल जाते हैं |
प्रवेश
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