Monday, February 13, 2012

लिखो.. तो जानें


लिखो.. तो जानें




बहुत सुना है

नाम तुम्हारा 

कोई भी विषय हो 

तुम लिख देते हो 

अकाट्य और कालजयी |

जो लिख दिया 

वो अमर हो गया 

किसी में इतना ज्ञान नहीं 

कि निकाल सके 

कोई मीन मेख 

तुम्हारी रचना में |

कोई प्रश्न ही नहीं उठता 

तर्क - वितर्क का ,

तुमने लिखा और 

पत्थर की लकीर हो गया ,

मैंने सुना है |

मगर 

एक आग्रह है ,

तुम लिखो 

मेरे दिये विषय पर ,

पृष्ठ की सीमा नहीं 

लिखो सहस्त्रपृष्ठीय 

सहस्त्र ग्रन्थ 

किन्तु ध्यान रहे 

कोई ये ना कहे 

कुछ कमी रह गयी |

......विषय .... 

वही चिर परिचित 

...... माँ .........


                        प्रवेश

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