लिखो.. तो जानें
बहुत सुना है
नाम तुम्हारा
कोई भी विषय हो
तुम लिख देते हो
अकाट्य और कालजयी |
जो लिख दिया
वो अमर हो गया
किसी में इतना ज्ञान नहीं
कि निकाल सके
कोई मीन मेख
तुम्हारी रचना में |
कोई प्रश्न ही नहीं उठता
तर्क - वितर्क का ,
तुमने लिखा और
पत्थर की लकीर हो गया ,
मैंने सुना है |
मगर
एक आग्रह है ,
तुम लिखो
मेरे दिये विषय पर ,
पृष्ठ की सीमा नहीं
लिखो सहस्त्रपृष्ठीय
सहस्त्र ग्रन्थ
किन्तु ध्यान रहे
कोई ये ना कहे
कुछ कमी रह गयी |
......विषय ....
वही चिर परिचित
...... माँ .........
प्रवेश
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