ट्यूशन
प्राथमिक कक्षाओं तक
सोहन बड़ा होशियार था ,
शिक्षकों को उस पर नाज था ,
सबको लगाव और प्यार था |
उसी गाँव के माध्यमिक में
सोहन के पिता अध्यापक हैं ,
वहीँ श्रीमान शर्मा जी ,
गणित के अध्यापक हैं |
शर्मा जी का मिंटू थोडा
फितरत से उद्दण्ड है ,
कभी नहीं अव्वल आया
जाने फिर क्यों घमण्ड है !
शर्मा जी बच्चों को घर पर
ट्यूशन भी पढ़ाते हैं ,
जितनी नहीं तनख्वाह , उससे
ज्यादा घर पर कमाते हैं |
जो बच्चे ट्यूशन पढ़ते हैं ,
शर्मा जी के ख़ास होते हैं ,
गणित विषय की परीक्षा में
वही बच्चे पास होते हैं |
सोहन तो होशियार है ,
कभी ट्यूशन नहीं पढता ,
इसीलिए सोहन को
मिंटू पसंद नहीं करता |
परीक्षा हुई शुरू ,
जैसे मिंटू के लिए खेल हो गया ,
अब तक अव्वल आने वाला
सोहन गणित में फेल हो गया |
" प्रवेश"
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