तेरा दीदार
तेरी एक झलक पाने को ,
मचल रहे हैं लोग |
दीदार - ए - हुस्न तेरा करने को ,
खास से आम में ,
बदल रहे हैं लोग |
मेरे शहर में तेरी मौजूदगी का चर्चा है ,
बेसबर , घरों से
निकल रहे हैं लोग |
तेरे दीदार को तक़दीर की मेहर समझें ,
कड़कती धूप में बेताब
चल रहे हैं लोग |
तेरे दीदार में जब मेरा भी दीदार पाया ,
दिल सुलगने लगे अंगार से ,
जल रहे हैं लोग |
"प्रवेश"
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