सादगी
दोनों हथेलियों की
रेखाओं का मिल जाना ,
गर्दन में हरकत हो ,
थोडा सिर का झुक जाना |
सादगी की और
पहचान क्या होती है !
दूर -दूर तक
" मैं " का नाम न हो ,
सब खास हों निगाह में,
कोई आम न हो |
सादगी की और
पहचान क्या होती है !
जिससे भी मिलो,
मुस्कराकर मिलो ,
सब शिकवे गिले
भुलाकर मिलो |
सादगी की और
पहचान क्या होती है !
कोई भी टीस
न मन में रहे ,
कोई उलझन नहीं
जीवन में रहे |
सादगी की और
पहचान क्या होती है !
"प्रवेश"
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