शिक्षक
जान फूँक दे पत्थर में
और जड़ को चेतन कर दे |
सच्ची राह दिखाकर वो
निश्छल , निर्मल मन कर दे |
हों अगर निराश कभी
वो फिर से आस जगाता है |
पस्त होते हौंसलों में
आत्मविश्वास जगाता है |
स्नेहमय ह्रदय कभी है .
कभी कठोर व्यव्हार भी |
दण्डित भी करता है वही ,
देता है अगणित प्यार भी |
मानवता का परम मित्र
धर्म का सच्चा रक्षक है |
भगवान से भी ऊँचा दर्जा
मिलता है जिसे वो शिक्षक है |
केवल पुस्तक पढ़ाने वाला
महज एक अध्यापक है |
जीने की कला सिखाने वाला ,
सच्चे अर्थों में शिक्षक है |
"प्रवेश "
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