बिल
आस्तीन में रहने वाले ,
चले हैं नया बिल बनाने |
कैसा होगा बिल का ढांचा ,
झूठा हँसेगा , फँसेगा सांचा |
निकल पायेगा यहाँ से कौन ,
जो बिल निर्माण में रहेगा मौन |
जिसने भी आवाज उठाई ,
मार डालेंगे उसे कसाई |
जो भी करेगा बिल की बात ,
रखे याद चार जून की रात |
बाहर है तबला , अन्दर ताल ,
देखें क्या होगा बिल का हाल !
"प्रवेश "
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