जबान की सफाई
कभी -कभी तो साँसों में
इतनी बदबू आती है ,
खुशमिजाज महबूबा भी
पल में बेरूख हो जाती है |
साँसों की बदबू मिलन को
पल में कर दे जुदाई ,
इसीलिये जरूरी है ,
जबान की सफाई |
जबान की गन्दगी से
चरित्र से भी बू आती है ,
महफ़िल में रुसवा होते हैं ,
इज्जत रफू हो जाती है |
भाई को दुश्मन बना दे
दुश्मन को बना दे भाई ,
निहायत ही जरूरी है ,
जबान की सफाई |
"प्रवेश "
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