"हाल - ए- दिल "
हाल - ए - दिल कैसे कहूं ?
मिलते नहीं अल्फाज |
हाल -ए - दिल किससे कहूं ?
प्रियतम नहीं मेरे पास |
प्रियतम नहीं मेरे पास ,
दरद किसको सुनाऊँ |
अगर बात हो प्यार की ,
वो भी किसे बताऊँ ?
अब तो प्रेम लगता है ,
झूठा मायाजाल |
कहे 'परमेश ' रे विरहिणी ,
खुश रहो इसी हाल |
प्रवेश
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