तलाश
हो जहाँ रंजिश नहीं,
और अमन हो आवाम में,
बेख़ौफ़ जिंदगी जहाँ,
मैं उस शहर को ढूंढता हूँ |
हों जहाँ हमराह सौ,
हमदर्द भी हों सैकड़ो,
हाथ थामे सब चलें,
मैं उस डगर को ढूंढता हूँ |
यूं तो मिलती हैं निगाहें,
रोज कितनी आखों से ,
हो प्यार जिस निगाह में,
ऐसी नजर को ढूंढता हूँ |
कश्ती अगर तूफ़ान से ,
डोले कभी मझधार में,
साहिल का पता दे दे ,
ऐसी लहर को ढूंढता हूँ |
मौत, भ्रष्टाचार, रिश्वत,
लूट की खबरें "प्रवेश",
चैनल बदल - बदल कर ,
इक अच्छी खबर को ढूंढता हूँ |
प्रवेश
bahut sundar bhaav..vaah ..umda
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