नया साल
यूं तो इस रस्म को
चलते जमाना हो गया ,
पंचांग फिर गतवर्ष का
देखो पुराना हो गया |
जो घटित होना था ,
कुछ घटा, कुछ ना घटा ,
कुछ घट गया ऐसा ,
जिसे मुश्किल जुड़ाना हो गया |
हर मजहब ,हर जाति का
त्यौहार है यह नववर्ष ,
आज तो हर कौम का
जलसा सालाना हो गया |
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खुशहाल सब जन हो यहाँ ,
फैले लहर बस हर्ष की ,
सम्पूर्ण मानव जाति को
शुभकामना नववर्ष की |
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प्रवेश
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