किसी को आज की , किसी को कल की फिकर ।
किसी को झोंपड़ी , किसी को महल की फिकर ।।
किसी को चोरी पकड़े जाने का डर है ।
किसी को लिखी हुई ग़ज़ल की फिकर ।।
फूल बरसात ने झाड़े , कुछ फल ओलों ने ।
जो अकेला बचा है , उस फल की फिकर ।।
कोई फिकरमंद है अंजामे - मोहब्बत लेकर ।
किसी को इजहारे - पहल की फिकर ।।
किसी काम से मेरी बेटी घर से निकली है ।
घर लौटने तक सलामत सफ़र की फिकर ।।
छोटा बच्चा भी अब इस्कूल जाने लायक है ।
कागज , सियाही और हर पल की फिकर ।।
मद्धिम धूप की आगोश में दिन गुजर गया ।
शाम ढलते ही रजाई - कम्बल की फिकर ।।
यूं मेरी बात है घोषणापत्रों में - सभाओं में ।
असल फिकर तो हाथ और कमल की फिकर ।।
बड़े बेटे की शादी कर ली , नौकरी भी है ।
अभी बाकी है अतुल - विमल की फिकर ।।
" प्रवेश "
किसी को झोंपड़ी , किसी को महल की फिकर ।।
किसी को चोरी पकड़े जाने का डर है ।
किसी को लिखी हुई ग़ज़ल की फिकर ।।
फूल बरसात ने झाड़े , कुछ फल ओलों ने ।
जो अकेला बचा है , उस फल की फिकर ।।
कोई फिकरमंद है अंजामे - मोहब्बत लेकर ।
किसी को इजहारे - पहल की फिकर ।।
किसी काम से मेरी बेटी घर से निकली है ।
घर लौटने तक सलामत सफ़र की फिकर ।।
छोटा बच्चा भी अब इस्कूल जाने लायक है ।
कागज , सियाही और हर पल की फिकर ।।
मद्धिम धूप की आगोश में दिन गुजर गया ।
शाम ढलते ही रजाई - कम्बल की फिकर ।।
यूं मेरी बात है घोषणापत्रों में - सभाओं में ।
असल फिकर तो हाथ और कमल की फिकर ।।
बड़े बेटे की शादी कर ली , नौकरी भी है ।
अभी बाकी है अतुल - विमल की फिकर ।।
" प्रवेश "
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