न दारू न हकीमों की दवा काम आयेगी
न दारू न हकीमों की दवा काम आयेगी ।
जब भी आयेगी , माँ की दुआ काम आयेगी ।।
अब दिल को शहर की आबोहवा नहीं भाती ।
अब गाँव की ठण्डी हवा काम आयेगी ।।
तेरी बेवफाई का रंज नहीं मुझको ।
जो मैंने की है वो वफ़ा काम आयेगी ।।
भलाई जो भी करी , बेकार नहीं जायेगी ।
अभी ना तो, अगली दफा काम आयेगी ।।
" प्रवेश "
न दारू न हकीमों की दवा काम आयेगी ।
जब भी आयेगी , माँ की दुआ काम आयेगी ।।
अब दिल को शहर की आबोहवा नहीं भाती ।
अब गाँव की ठण्डी हवा काम आयेगी ।।
तेरी बेवफाई का रंज नहीं मुझको ।
जो मैंने की है वो वफ़ा काम आयेगी ।।
भलाई जो भी करी , बेकार नहीं जायेगी ।
अभी ना तो, अगली दफा काम आयेगी ।।
" प्रवेश "
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