बुढ़ापा - उपेक्षा
जितना प्यार करता है प्यारे
अपने प्यारे पप्पी से |
आधा भी कर पाए अगर तू
बूढ़े पापा - मम्मी से |
उनका बुढ़ापा सुधर जायेगा
तू भी तो कल इधर आएगा
साथ न होगा पप्पी तेरा
बच्चों के ही घर जायेगा |
पेड़ लगाकर कीकर का ,
उम्मीद न कर तू आम की |
एक पल में ही भूल गया ,
इनकी सेवा उम्र तमाम की !
याद अगर है तुझको ,
तेरी खातिर इनके कुछ बलिदान |
इनकी सेवा कर पहले ,
खुश हो जायेंगे सब भगवान |
कुछ वक़्त निकाल इनकी खातिर ,
कुछ सोच कर विचार कर |
प्यार चाहता है अगर ,
तो माँ - बाप से प्यार कर |
"प्रवेश "
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