धूप है, छाँव है या दर्द का अँधियारा है ।
जिंदगी जो भी मुझे देती है सब गवारा है ।
मुझे लहरों से नहीं है शिकायत कोई ,
साहिल भी मुझे देखो बहुत ही प्यारा है ।
जिंदगी जो भी बनाया है मुजस्सम तूने ,
मैंने खुद को हर एक अक्श में उतारा है ।
बेवफा निकलेगी तू , मैं जानता हूँ ,
वफ़ा जब तक न आ जाये , तेरा सहारा है ।
तेरा - मेरा दोनों का है , ख़ाक वजूद इक - दूजे बिन ,
सागर और हवा के जैसा ये सम्बन्ध हमारा है ।
" प्रवेश "
आभार
जिंदगी जो भी मुझे देती है सब गवारा है ।
मुझे लहरों से नहीं है शिकायत कोई ,
साहिल भी मुझे देखो बहुत ही प्यारा है ।
जिंदगी जो भी बनाया है मुजस्सम तूने ,
मैंने खुद को हर एक अक्श में उतारा है ।
बेवफा निकलेगी तू , मैं जानता हूँ ,
वफ़ा जब तक न आ जाये , तेरा सहारा है ।
तेरा - मेरा दोनों का है , ख़ाक वजूद इक - दूजे बिन ,
सागर और हवा के जैसा ये सम्बन्ध हमारा है ।
" प्रवेश "
आभार
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