दोस्ती करोगे ?
नाटा कद
चपटी नाक
धँसी हुई आँखें
उलझे केश
विशाल दन्त
चीथड़ों में लिपटा
एक खुरदरा जिस्म
फटे कपड़ो से
बाहर झाँकते
नये पुराने जख्म ,
जैसे जख्मों की
चलती - फिरती
प्रदर्शनी हो ।
दुनिया जहाँन की
तमाम बदसूरती
तमाम खामियाँ ।
बस एक ही खूबी
सीने में एक सोने का दिल ।
क्या आप दोस्ती करोगे ?
प्रवेश
Bahut Sunder.....Bas ek dil hi to nahi milta aajkal......
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है प्रवेश जी
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