भौत कुछ बदली गो
भौत कुछ बदली गो
दाज्यू म्यर पहाड़ में |
टीने कि छत तोड़ी बे
इस्कूलम लेन्टर है गो ,
दस तकौक इस्कूल
आब इंटर है गो |
ननूं कें दिक्कत नि छौ
आब इस्कूल जाण में ,
भौत कुछ बदली गो
दाज्यू म्यर पहाड़ में |
बट घटूंक पाणि
आब भ्यार है गो ,
दूर आब यूँ बटुक
कच्यार है गो |
सीमेंटक बट बणे हाली
खड़ंज उखाड़ बे ,
भौत कुछ बदली गो
दाज्यू म्यर पहाड़ में |
बिन पियै डंगरी
आसन में नि जान ,
दी पैग लगाई बिना
आंग द्य्यप्त ले नि आन |
जाणी क्या - क्या बकि दिनी
अखाण बखाण में ,
भौत कुछ बदली गो
दाज्यू म्यर पहाड़ में |
टी. वी. देखी बिना
टैम पासै नि हुन ,
बिन टी. वी. देखियै
भैंस दूध ले नि दयून |
ना जुमुई, ना भीमू ,
आब पघरूंछ टी. वी. लगाण में
भौत कुछ बदली गो
दाज्यू म्यर पहाड़ में |
आठ बोरी ग्यौनूं जगम
चारै हनी ,
कुछ बानर , कुछ सुंगर
कुछ छुटी गोर खानी |
के मेहनत ले कम है गे
और पाणि ले नि छौ गाण में
भौत कुछ बदली गो
दाज्यू म्यर पहाड़ में |
"प्रवेश"
उम्दा........ भौते भल.......!!!!!!!!
ReplyDelete