भाव बढ़ गया मेरा भी
मत मांगते थे ,
मेरी गली से गुजरते थे ,
पर मेरे घर के आगे,
कभी नहीं ठहरते थे |
वो जानते थे मतदाता
सूची में नहीं नाम मेरा ,
क्यों नमन मुझको करें ,
क्यों करें कोई काम मेरा |
जब मिलते तो ऐसे मिलते ,
जैसे जानते नहीं कौन हूँ मैं ,
बीच जयकारा के उनके ,
क्यों अकेला मौन हूँ मैं !
संशोधित हुई सारणी ,
नाम चढ़ गया मेरा भी ,
मैं रहा तो वही "प्रवेश",
पर भाव बढ़ गया मेरा भी |
"प्रवेश"
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