ये जो चने का खेत है,
इसके हैं मालिक पचास |
चने के पौंधे छोटे हैं ,
पौंधों से बड़ी हो गयी घास |
एक का हो , तो खैर खबर ले ,
किसकी पचास में जिम्मेदारी ?
कौन भला ये घास उखाड़े ,
कौन करे अब घेरा - बाड़ी ?
गधे घुस गए बेधड़क ,
साफ़ कर गए पूरा खेत |
घास बची न चने बचे ,
बची रह गयी सूखी रेत |
निकम्मे मालिक हों पचास ,
तो उस खेत में झांके कौन ?
कौन करे रखवाली इसकी ,
इन गधों को हांके कौन ?
चने का खेत = प्रजातंत्र
चने के पौंधे = जनता
मालिक = नेता
मालिक = नेता
घास = अराजक तत्व
गधे = भ्रष्ट नेता
"प्रवेश "
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