हमें हमेशा लगता है
कच - कच करने से
बिगड़ जाती है बात
और पानी फेरना भी
इशारा इसी ओर करता है
लेकिन
वो छिड़कता है पानी भी
और करता है कच - कच
देखते ही देखते
अमानुष को इंसान बना देता है । ~ प्रवेश ~
कच - कच करने से
बिगड़ जाती है बात
और पानी फेरना भी
इशारा इसी ओर करता है
लेकिन
वो छिड़कता है पानी भी
और करता है कच - कच
देखते ही देखते
अमानुष को इंसान बना देता है । ~ प्रवेश ~
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