गर्मियों में बहुत भाते हैं पहाड़ |
छुट्टी बिताने लोग आते हैं पहाड़ ||
छुट्टी बिताने लोग आते हैं पहाड़ ||
चमड़ी सुखाती है जब गर्मी शहर की
भूले - बिसरे याद आते हैं पहाड़ ||
भूले - बिसरे याद आते हैं पहाड़ ||
देखो कितना बड़ा दिल है इनका
गैरों को भी गले से लगाते हैं पहाड़ ||
गैरों को भी गले से लगाते हैं पहाड़ ||
चैन - सुकून मुफ्त ही देते हैं
एहसान नहीं जताते हैं पहाड़ ||
एहसान नहीं जताते हैं पहाड़ ||
मेहमान से लौट जाते हैं फिर से
साल भर के लिए भूल जाते हैं पहाड़ || ~ प्रवेश ~
साल भर के लिए भूल जाते हैं पहाड़ || ~ प्रवेश ~
खूबसूरत सत्य
ReplyDeleteसटीक और सामयिक रचना
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