कोशिशें
अक्सर कामयाब हो जाती होंगी ,
लेकिन कोशिश करने वाले
कामयाब हो ही जाने की
कोशिश नहीं करते ।
कहीं ना कहीं
नाकामयाबी के लिये
जगह छोड़ देते हैं
कोशिश करने वाले
और सफाई देने के लिये
गुंजाइश भी,
"कोशिश तो की थी "।
जो कामयाबी को निशाना बनाते हैं
उन्हें पक्षी , पेड़, पत्ते, सहचर
और आसमान नहीं दिखाई देता,
उन्हें दिखाई देती है
तो केवल पक्षी की आँख ।
साधक द्वारा
साधन से
साध्य की प्राप्ति । ~ प्रवेश ~
अक्सर कामयाब हो जाती होंगी ,
लेकिन कोशिश करने वाले
कामयाब हो ही जाने की
कोशिश नहीं करते ।
कहीं ना कहीं
नाकामयाबी के लिये
जगह छोड़ देते हैं
कोशिश करने वाले
और सफाई देने के लिये
गुंजाइश भी,
"कोशिश तो की थी "।
जो कामयाबी को निशाना बनाते हैं
उन्हें पक्षी , पेड़, पत्ते, सहचर
और आसमान नहीं दिखाई देता,
उन्हें दिखाई देती है
तो केवल पक्षी की आँख ।
साधक द्वारा
साधन से
साध्य की प्राप्ति । ~ प्रवेश ~
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