नौकरी की तलाश
डिग्रियां हैं बड़ी - बड़ी, काबिलियत भी पास है ।
कमी नहीं किसी चीज की, एक नौकरी की तलाश है ।।
थक गया विज्ञापन पढ़ , साक्षात्कार दे थक गया ।
माँ फिर भी हिम्मत बँधाती है, जिन्दा उसी से आस है ।।
ईमान गर गिरवी रखूँ , तो पद कई खाली पड़े ।
बेईमान एक चलती हुई , इज्जतदार लाश है ।।
रोटी बनानी आती है , मक्खन लगाना नहीं आता ।
मक्खन लगाना जिन्हें आता , जिंदगी उनकी झकास है ।।
"प्रवेश "
डिग्रियां हैं बड़ी - बड़ी, काबिलियत भी पास है ।
कमी नहीं किसी चीज की, एक नौकरी की तलाश है ।।
थक गया विज्ञापन पढ़ , साक्षात्कार दे थक गया ।
माँ फिर भी हिम्मत बँधाती है, जिन्दा उसी से आस है ।।
ईमान गर गिरवी रखूँ , तो पद कई खाली पड़े ।
बेईमान एक चलती हुई , इज्जतदार लाश है ।।
रोटी बनानी आती है , मक्खन लगाना नहीं आता ।
मक्खन लगाना जिन्हें आता , जिंदगी उनकी झकास है ।।
"प्रवेश "
No comments:
Post a Comment