किरायेदार हैं
कौन आया है सदा रहने को यहाँ
किरायेदार हैं , एक दिन चले जायेंगे ।
न लाये थे कुछ , न ले जायेंगे कुछ
जब जायेंगे तो हाथ मले जायेंगे ।
बुरे भी नहीं रहेंगे सदा
बुरे जायेंगे और भले जायेंगे ।
जायेंगे बुरे तो हँसेगी दुनिया
भलों के पीछे काफिले जायेंगे ।
भले काम ही याद रखती है दुनिया
बुरे काम पैरों तले जायेंगे ।
इंसानियत को जो करते हैं रौशन
वो चराग आँधियों में जले जायेंगे ।
" प्रवेश "
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