मोहतरमा दफ्तर जाने लगी हैं
मोहतरमा दफ्तर जाने लगी हैं ,
घर खर्चे में हाथ बँटाने लगी हैं ।
मेरा बटुआ टटोलना बंद हुआ ,
अब तो खुद ही नोट दिखाने लगी हैं ।
चेहरे से घूँघट का परदा हटा है ,
अब चाँद सी नजर आने लगी हैं ।
मेरे हाथ की चपाती पसंद नहीं उनको ,
चपाती का आटा गुंधवाने लगी हैं ।
कपड़े धोना भी आता नहीं मुझको ,
शुरुआत में साबुन ही लगवाने लगी हैं ।
सुबह वाली बिस्तर की चाय बंद हो गयी ,
कोहनी मारकर हमको जगाने लगी हैं ।
घरेलू कामों का ढब कहाँ मुझको ,
अब डाँट डपटकर सिखाने लगी हैं ।
प्रवेश
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