ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह जी को श्रद्धांजलि
तुम जीतकर जग चले गये |
तुम जिधर चले पग चले गये |
तुम जीतकर जग चले गये |
तुम मौन हुये तो कलरव शून्य
डाल छोड़ खग चले गये |
तुम जीतकर जग चले गये |
तुम्हारी बीमारी का गम ही क्या कम था
जो छेड़ दुखती रग चले गये |
तुम जीतकर जग चले गये |
अपनी सुर और स्वर गंगा से
पावन कर जग चले गये |
तुम जीतकर जग चले गये |
तुम गये तो यूँ सब ठगे रह गये ,
सारे जग को ठग चले गये |
तुम जीतकर जग चले गये |
"प्रवेश "
No comments:
Post a Comment