दिलों की दूरियाँ मोहब्बत से पाट आऊँ।
चुटकी भर इश्क सबको बाँट आऊँ।
तुम्हारे साथ फिर से शाम को घूमने निकलूं।
तुम्हारे साथ उसी ठेले पर चाट खाऊँ।
मैं चाहता हूँ फिर कोई ग़लती हो मुझसे ।
मैं चाहता हूँ फिर माँ की डाँट खाऊँ। ~ प्रवेश ~
चुटकी भर इश्क सबको बाँट आऊँ।
तुम्हारे साथ फिर से शाम को घूमने निकलूं।
तुम्हारे साथ उसी ठेले पर चाट खाऊँ।
मैं चाहता हूँ फिर कोई ग़लती हो मुझसे ।
मैं चाहता हूँ फिर माँ की डाँट खाऊँ। ~ प्रवेश ~
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