Friday, July 15, 2022

जीवन ने दोनों सिखलाया
रोना भी - मुस्काना भी
बाधाओं से लड़ते जाना
हँस - हँस ग़म पी जाना भी ।

जीवन ने दोनों सिखलाया 
अपना भी - पराया भी 
मोह के बंधन तोड़ के उड़ना 
घेर के लाये माया भी। 

जीवन ने ये भी सिखलाया 
समय तेरा तो सब तेरे 
तेरा समय गुज़र जाये तो 
साथ न देगा साया भी। ~ प्रवेश ~ 


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