कुछ भी बेवजह नहीं होता ।
यूँ कोई बावला नहीं होता ॥
कीकर पर आम नही आते हैं ।
बुरा करके भला नहीं होता ॥
एक पहचान सच्चे यार की है ।
दोस्त कभी दोगला नहीं होता ॥
असर घर से मिली तालीम का है ।
हर कोई मनचला नहीं होता ॥
हारकर मायूस ना हो, हौंसला रख ।
बन्दा चाहे तो क्या नहीं होता ॥
सियासत अब तलक मेरी समझ से ।
यहाँ कोई सगा नहीं होता ॥ ~ प्रवेश ~
यूँ कोई बावला नहीं होता ॥
कीकर पर आम नही आते हैं ।
बुरा करके भला नहीं होता ॥
एक पहचान सच्चे यार की है ।
दोस्त कभी दोगला नहीं होता ॥
असर घर से मिली तालीम का है ।
हर कोई मनचला नहीं होता ॥
हारकर मायूस ना हो, हौंसला रख ।
बन्दा चाहे तो क्या नहीं होता ॥
सियासत अब तलक मेरी समझ से ।
यहाँ कोई सगा नहीं होता ॥ ~ प्रवेश ~
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