निशानेबाज
बड़े कमाल के निशानेबाज हो
एक ही बार में मार गिराया
चूजों से वादा करके आये पंछी को ।
तुम्हें भूख नजर आती है
केवल अपने बच्चों की ।
एक वक़्त के खाने के लिये
तुमने एक ही पंछी नहीं मारा,
अनजाने ही सही
तुमने एक परिवार तबाह कर डाला ।
दम तोड़ देंगे एक - एक कर
माँ की बाट जोहते सभी चूजे ।
तुम नहीं देख सकते हो
भूख से बिलखते बच्चे ।
बहुत प्यार है तुम्हें बच्चों से ,
केवल अपने बच्चों से ।
"प्रवेश"
बड़े कमाल के निशानेबाज हो
एक ही बार में मार गिराया
चूजों से वादा करके आये पंछी को ।
तुम्हें भूख नजर आती है
केवल अपने बच्चों की ।
एक वक़्त के खाने के लिये
तुमने एक ही पंछी नहीं मारा,
अनजाने ही सही
तुमने एक परिवार तबाह कर डाला ।
दम तोड़ देंगे एक - एक कर
माँ की बाट जोहते सभी चूजे ।
तुम नहीं देख सकते हो
भूख से बिलखते बच्चे ।
बहुत प्यार है तुम्हें बच्चों से ,
केवल अपने बच्चों से ।
"प्रवेश"
चूजों पर तरस आ रहा है
ReplyDeleteनिशानेबाजों को समझा रहा है
उनके अपने बच्चों को उन्हें दिखा कर
मुर्गियों को बचा रहा है
प्रवेश एक अच्छी कविता बना रहा है ।