आओ पीठ खुजायें
आओ पीठ खुजायें
हम सोशल नेटवर्क के बन्दे
ऐसी रस्म निभायें
आओ पीठ खुजायें
तुम मुझको दो लाइक देना
दो मैं तुमको दूँगा
लेन - देन हो खरा- खरा
उधार नहीं रखूँगा
पारदर्शिता अपनायें
आओ पीठ खुजायें -2
तुम मुझको अच्छा कह देना
मैं भी वाह - वाह करूँगा
जितने भी मैं कमेंट करूँ
उतनी ही चाह करूँगा
मिलकर भूख बढ़ायें
आओ पीठ खुजायें -2
तुम जो भी लिख दोगे
कभी न ऊल-जुलूल कहूँगा
मीन-मेख जो ढूँढेगा
उसकी ही भूल कहूँगा
ऐसा सामंजस्य बिठायें
आओ पीठ खुजायें -२
हम सोशल नेटवर्क के बन्दे
ऐसी रस्म निभायें
आओ पीठ खुजायें
आओ पीठ खुजायें | ~ प्रवेश ~
आओ पीठ खुजायें
हम सोशल नेटवर्क के बन्दे
ऐसी रस्म निभायें
आओ पीठ खुजायें
तुम मुझको दो लाइक देना
दो मैं तुमको दूँगा
लेन - देन हो खरा- खरा
उधार नहीं रखूँगा
पारदर्शिता अपनायें
आओ पीठ खुजायें -2
तुम मुझको अच्छा कह देना
मैं भी वाह - वाह करूँगा
जितने भी मैं कमेंट करूँ
उतनी ही चाह करूँगा
मिलकर भूख बढ़ायें
आओ पीठ खुजायें -2
तुम जो भी लिख दोगे
कभी न ऊल-जुलूल कहूँगा
मीन-मेख जो ढूँढेगा
उसकी ही भूल कहूँगा
ऐसा सामंजस्य बिठायें
आओ पीठ खुजायें -२
हम सोशल नेटवर्क के बन्दे
ऐसी रस्म निभायें
आओ पीठ खुजायें
आओ पीठ खुजायें | ~ प्रवेश ~
:):):)..........:P
ReplyDelete:) :)
Deleteवर्तमान समय का सच उजागर करती रचना
ReplyDeleteबहुत खूब --
बधाई -
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
धन्यवाद श्रीमान
ReplyDeleteचर्चमंच में स्थान देने हेतु धन्यवाद श्रीमान ... जय श्री कृष्ण
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