ये ना समझें मजबूरी है,
तुकबंदी जरूरी है ।
आ से आ तुक मिले न मिले
ई से ई भी भले न मिले
किन्तु मिले तुक भावों का
मिले तुक अनुभावों का ।
बात बेतुकी कौन सराहे
कोई सुनना तक न चाहे,
कभी किसी को कहो बेतुका
उसी समय हो धक्का मुक्का ।
तुक मिले ही रचना पूरी है,
तुकबंदी जरूरी है । ~ प्रवेश ~
तुकबंदी जरूरी है ।
आ से आ तुक मिले न मिले
ई से ई भी भले न मिले
किन्तु मिले तुक भावों का
मिले तुक अनुभावों का ।
बात बेतुकी कौन सराहे
कोई सुनना तक न चाहे,
कभी किसी को कहो बेतुका
उसी समय हो धक्का मुक्का ।
तुक मिले ही रचना पूरी है,
तुकबंदी जरूरी है । ~ प्रवेश ~
तुक के साथ तुक्का भी चलेगा!
ReplyDeleteआजकल यही तो चल रहा है
Deleteधन्यवाद श्रीमान .. आपको भी नवरात्रि की मंगल कामनाएँ
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeletesahi
ReplyDeleteवाह, बहुत खूब
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