पश्चिमी हवायें
डूबते हुये सूरज की
बीमार, ललाम किरणों से
आंशिक पीतिमा लिये
उत्तर - पश्चिम से उठते हुये
श्याम - पीत बादलों से
एक उम्मीद सी जगी थी
कि सरकते - सरकते
ये घिर आयेंगे
मेरे बंजर खेत के ऊपर
और बरसायेंगे
नवीन जलधार
ताकि उग सके
एक नयी पौंध और
तैयार हो स्वस्थ फसल |
लेकिन पश्चिम से ही आती हुई
बेलगाम और अल्हड़ हवायें
जिन्हें ना बहने की तहजीब
ना ठहरने का तरीका
या यूं कहें कि
अमर्यादित हवायें
उड़ा ले गयी
मेरी उम्मीदों को |
उन रसभरी घटाओं संग
खेत की सतह की
मिट्टी भी उड़ चली |
निर्लज्ज हवाओं से
मेरी उम्मीद हार गयी |
पाश्चात्यता का प्रभाव उजागर करने का प्रयास किया गया है |
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